नरक चतुर्दशी – प्रकाश और विजय का पर्व
- Nandini Riya
- 28 फ़र॰
- 2 मिनट पठन
नरक चतुर्दशी, जिसे आमतौर पर छोटी दिवाली के नाम से जाना जाता है, दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और भगवान कृष्ण द्वारा राक्षस नरकासुर के वध की स्मृति में मनाया जाता है। यह शुभ दिन हमारे आसपास और मन को शुद्ध करने का अवसर होता है, जिससे जीवन में सकारात्मकता और प्रकाश का स्वागत किया जा सके। छोटी दिवाली दीप जलाने, प्रार्थनाएं अर्पित करने और अंधकार एवं नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिए विशेष पूजा-पाठ करने के साथ मनाई जाती है।

नरक चतुर्दशी की कथा
नरक चतुर्दशी की उत्पत्ति प्राचीन हिंदू पौराणिक कथा से जुड़ी है, जिसमें शक्तिशाली असुर नरकासुर ने स्वर्ग और पृथ्वी पर आतंक मचा रखा था। उसका अत्याचार और अंधकार का शासन तब समाप्त हुआ जब भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की सहायता से उसे पराजित किया। नरकासुर का वध बुरी शक्तियों के नाश और प्रकाश, शांति एवं धर्म की स्थापना का प्रतीक है।
परंपराएँ और रीति-रिवाज
इस दिन घरों की सफाई की जाती है और दीपों (दीयों) से सजाया जाता है, जो अज्ञान और अंधकार को दूर करने का प्रतीक हैं। सुबह-सुबह विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, और कई लोग सुगंधित तेल लगाकर स्नान करते हैं, जो शुद्धिकरण और नवजीवन का प्रतीक माना जाता है। परिवारजन भगवान कृष्ण और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करते हैं, जिससे असमय मृत्यु से बचाव और जीवन में समृद्धि की कामना की जाती है।
लोग इस दिन पारंपरिक मिठाइयाँ और त्योहारों के विशेष व्यंजन बनाते हैं, जिन्हें परिवार और मित्रों के साथ साझा किया जाता है। रंगोली, जो रंगीन पाउडर या फूलों से बनाई जाती है, घरों के प्रवेश द्वार पर सजाई जाती है, जिससे धन की देवी लक्ष्मी का स्वागत किया जा सके और घर में सुख-समृद्धि बनी रहे।
छोटी दिवाली – उत्सव का दिन
हालाँकि छोटी दिवाली मुख्य दिवाली के भव्य उत्सव की तुलना में अधिक शांत होती है, लेकिन यह भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। यह आत्मचिंतन और शारीरिक व आध्यात्मिक शुद्धि का समय होता है। संध्या के समय दीप जलाना इस पर्व का एक सुंदर प्रतीक है, जो नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाने और शांति, आनंद व सामंजस्य को आमंत्रित करने का संकेत देता है।
कई लोगों के लिए, नरक चतुर्दशी पटाखे जलाने और प्रियजनों के साथ उल्लासपूर्वक मनाने का अवसर भी है, जिससे खुशियाँ और उत्साह फैलता है और अगले दिन आने वाले भव्य दिवाली समारोह की तैयारियाँ पूरी की जाती हैं।
नरक चतुर्दशी के शुभ संदेश
नरक चतुर्दशी हमें याद दिलाती है कि प्रकाश हमेशा अंधकार पर विजय प्राप्त करता है और अच्छाई बुराई को परास्त करती है। इस छोटी दिवाली पर, आपका जीवन प्रकाश, सकारात्मकता और खुशियों से भर जाए। दीपों की रोशनी आपके मार्ग को प्रकाशित करे और आपको शांति, समृद्धि व सफलता की ओर ले जाए।
नरक चतुर्दशी की शुभकामनाएँ!